संतोष चतुर्वेदी सर के प्रति आभार व्यक्त करते हुए यह आलेख उस नाम के ब्लाग पर प्रकाशित कर रहा हूँ जिस नाम की पत्रिका का संपादन दिवंगत मित्र प्रकाश ने किया था।प्रकाश की अनुमति से मैने इसी नाम के ब्लाग को तैयार किया था और चाहा था कि उसकी रचना से इसकी शुरूआत हो।पर अफसोस कि उसके जीवित रहते ब्लाग पर उसकी रचना प्रकाशित होने से पहले ही वह असमय इस संसार से विदा हो गया।श्रद्धांजलि स्वरूप उसका यह आलेख पहली बार से आभार सहित साझा कर रहा हूँ।
संतोष चतुर्वेदी सर के प्रति आभार व्यक्त करते हुए यह आलेख उस नाम के ब्लाग पर प्रकाशित कर रहा हूँ जिस नाम की पत्रिका का संपादन दिवंगत मित्र प्रकाश ने किया था।प्रकाश की अनुमति से मैने इसी नाम के ब्लाग को तैयार किया था और चाहा था कि उसकी रचना से इसकी शुरूआत हो।पर अफसोस कि उसके जीवित रहते ब्लाग पर उसकी रचना प्रकाशित होने से पहले ही वह असमय इस संसार से विदा हो गया।श्रद्धांजलि स्वरूप उसका यह आलेख पहली बार से आभार सहित साझा कर रहा हूँ।
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